राजस्थान चित्रकला शैली के महत्वपुर्ण स्मरणीय तथ्य
आपको यहां पर राजस्थान की चित्रकला शैली से संबंधित महत्वपुर्ण तथ्य, राजस्थानी चित्रकला महत्वपुर्ण संग्रहालय, राजस्थान की शैलियों के कलाकार, स्वर्णकाल, चित्रकला के विकास हेतु हेतु कार्यरत संस्थाएं, प्रमुख चित्रकला के प्रसिद्ध चित्र, रंग, विशेषता व प्रमुख चित्रकार के उपनाम, उनका स्थान इत्यादि पढ़ने को मिलेगा।
- फ्रेस्को बुनो ताजा प्लास्टर की हुई नम भित्ति पर किया गया चित्रांकन है जिसे आलागीला, अरायश व शेखावाटी क्षेत्र में पणा कहा जाता है।
- जहाँगीर के समय में आराईश पद्धति इटली से भारत आई।
- बंूदी शैली राजस्थान की एकमात्र शैली है, जिसमें मोर के साथ सर्प का चित्रण है।
- वर्षा में नाचता मोर राजस्थान की विशेषता, जिसमें बूंदी शैली बेमिसाल है।
- शेखावाटी क्षेत्र राजस्थान की आॅपन एयर आर्ट गैलेरी के लिए विश्व विख्यात है। इस क्षेत्र की हवेलियां Fresco Printing के लिए प्रसिद्ध है।
- अलवर चित्रशैली में हाथीदांत पर चित्रण हुआ। मूलचंद कलाकार हाथीदांत पर चित्र बनाने में कुशल माने जाते है।
- द महाराजा आॅफ जोधपुर द ग्लेक्सी लिव्ज आॅन – अनु मल्होत्रा ने बप्पाजी के नाम से लोकप्रिय जोधपुर राजघराने के महाराज गजसिंह द्वितीय के ऊपर यह वृतचित्र बनाया जिसमें राजघराने की परम्परागत जीवन शैली में तेजी से आ रही गिरावट को दिखाने का प्रयास किया गया है।
- मुगल प्रभाव के कारण राजस्थानी चित्रकला में व्यक्तिचित्र बनाने की परम्परा शुरू हुए जिन्हें सबीह कहा गया। इस प्रकार के चित्र जयपुर शैली में सर्वाधिक बने।
- प्राचीनतम गुहा चित्र राज्य के हाड़ौती क्षैत्र में मिलते है।
- स्व. श्री गोवर्धनलाल बाबा – इनका उपनाम ’भीलो के चितेरे’ है। कांकरोली, राजसमंद के रहने वाले थे। इनका प्रमुख चित्र बरात है। इन्होने राजधानी लोक संस्कृति एवं मेवाड़ी भील जनजाति की जीवन शैली को अपनी चित्रकारी से जीवन्त किया।
- हिसामुद्दीन उस्ता – ये ऊँट की खाल पर चित्रकारी के लिये प्रसिद्ध है।
- बीकानेर के चित्रकार अपने चित्रों पर अपना नाम और तिथि लिख दिया करते थे। पर क्षेत्र के चित्रकार नहीं लिखते थे।
- देवकी नन्दन शर्मा – अलवर निवासी। ये Master of Nature & Living Objects के नाम से प्रसिद्ध है। भित्ति व पशु चित्रण में विशेष ख्याति अर्जित की इन्होने।
- रमेश गर्ग – आधुनिक कला के जनक के नाम से विख्यात। प्रसिद्ध चित्र – मशीनी मानव, बीसवीं सदी, ड्रामा, माता और शिशु। कलाविद् सम्मान से सम्मानित।
- श्री रामगोपाल विजयवर्गीय – जन्म बालेर, करौली में। प्रिय विषय नारी चित्रण। एकल चित्र प्रदर्शनी की परम्परा प्रारम्भ करने वाले राज्य के प्रथम चित्रकार। अभिसार निशा प्रमुख साहित्यिक रचना।
- सुरजीत कौर चोयल – जन्म जयपुर में। हिन्दुस्तान की पहली चित्रकार जिनके चित्रों को जापान की प्रतिष्ठित कला दीर्घा फुकोका संग्रहालय ने अपनी कला दीर्घा के लिए उपयुक्त समझा।
- स्व. श्री भूरसिंह शेखावत – जन्म धोंधलिया (बीकानेर)। राजस्थानी जीवन का यथार्थवादी चित्रण किया। इन्होनें राष्ट्रभक्त नेताओं, शहिदों व क्रांतिकारीयों का चित्रण किया।
- पंचतंत्र के अरबी अनुवाद कलीला दमना और मुल्ला दो प्याजा के फारसी लतीफो पर आधारित लघुचित्र केवल मेवाड़ शैली में ही बने है।
दोस्तो यहां पर आपको राजस्थान पुलिस काॅन्सटेबल, जैल प्रहरी (Jail Prahari), एसआई (SI Police) इत्यादि के पुराने आॅरेजनल पेपर (Original question Paper) 2017, 2018, 2019 की PDF उपलब्ध करायीं जा रही है जिनको आप डाउनलोड कर लीजीए है जो कि 2020, 2021 में आपके आने वाले एग्जाम मत्वपुर्ण साबित होगें।
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राजस्थानी चित्रकला महत्वपुर्ण संग्रहालय :-
पोथी खाना, जयपुर | सरस्वती भण्डार, उदयपुर |
जैन भण्डार, जैसलमेर | अलवर संग्रहालय |
पुस्तक प्रकाश, जोधपुर | कोटा संग्रहालय |
राजस्थान की चित्रकला शैलियों के कलाकार:-
चित्रशैली | चित्रकार | स्वर्णकाल |
जयपुर | सलिगराम, लक्ष्मणराम व साहिबराम | सवाई प्रतापसिंह |
कोटा | गोविन्द, लक्ष्मीनारायण, लालचन्द व रघुनाथदास | महारावल रामसिंह |
बीकानेर | मथेरणा व उस्ता परिवार। रूकनुद्दीन, शहाद्दीन, रशीद, नूर मोहम्मद, गुटसयाली, मुराद, गंगाराम | महाराजा अनुपसिंह |
किशनगढ़ | निहालचन्द, अमरचन्द | नागरीदास |
मारवाड़ | धन्ना व छोटू, भाटी देवदास, शिवदास भाटी, किशनदास | इसका विकास राव मालदेव के समय |
नाथद्वारा | खूबीराम, घासीराम, रेवांशकर व पुरूषोतम | – |
मेवाड़ | गंगाराम, भैरांसिह, कृपाराम, साहिबुद्दीन, मनोहर व नासिरूद्दीन | जगतसिंह प्रथम |
चावड | नसीरदीन या निसरदी | अमरसिंह |
अलवर | गुलाम अली, सालिगराम, नन्दराम, बलदेव, जमुनादास, डालचंद व छोटेलाल | विनयसिंह |
प्रमुख राजस्थानी चित्रकला शैली के प्रसिद्ध चित्र, रंग व विशेषता –
शैली | प्रसिद्ध चित्र | रंग | अन्य विवरण |
मेवाड़ | रसिक प्रिया, चैर पंचशिका | लाल | महाराणा जगत सिंह प्रथम ने चितेरों की ओवरीं (तस्वीरों रो कारखानों) नाम से कला विधालय स्थापित करवाया। |
मारवाड़ | जंगल में कैम्प, ढोला-मारू | पीला | ऊँटो की सवारी यहां के चित्रों की विशेषता। |
कोटा | युद्ध व शिकार दृश्य | नीला | शिकार व युद्ध के दृश्यों के लिए जानी जाती है। इसमें नारीयों को भी शिकार करते दिखाया है। |
बूंदी | रागमाला | सुनहरी | पशु व पक्षी शैली के रूप में प्रसिद्ध। महाराव उम्मेद सिंह के शासन में निर्मित चित्रशाला इस शैली श्रेष्ठ उदाहरण। चित्रशाला को भित्ति चित्रण का स्वर्ग कहा जाता है। |
जयपुर | राधाकृष्ण, टोड़ी रागिनी | हरा | आदमकद और बड़ें-बड़े प्रोट्रेट व भित्ति चित्रण की परम्परा जयपुर शैली की विशेषता। ईश्वरसिंह का आदमकद चित्र साहिबराम बनाया। |
किशनगढ़ | चंदनी रात, गवैये, बणी-ठणी | गुलाबी, सफेद | प्रसिद्ध चित्र बणी-ठणी का चित्रण मोरध्वज निहालचंद ने राजा सांवत के समय किया। इस चित्र को भारत की मोनालिसा एरिडिक्शन ने कहा। |
अलवर | चंठी पाठ | – | वेश्याओं के चित्र केवल इसी शैली में बने। |
बिकानेर | भागवत पुराण | – | चित्रकार अपना व दिनांक लिखते थे। |
नाथद्वारा | पिछवाई, गणगोर की सवारी | हरा, पिला | क्ेले वृक्ष की प्रधानता। पिछवाई व भिति चित्र के लिए प्रसिद्ध। इसे वल्लभ शैली भी कहा जाता है। |
- Rajasthan ki kala sanskriti (राजस्थानी चित्रकला शैली) Part-1
- Rajasthani art and culture (राजस्थानी चित्रकला शैली) Part-2
- राजस्थान की कला संस्कृति (राजस्थानी चित्रकला शैली) Part-3
चित्रकला के विकास हेतु हेतु कार्यरत संस्थाएं-
संस्था का नाम | जिला |
चितेरा | जोधपुर |
धोराँ | जोधपुर |
कलावृत | जयपुर |
आयाम | जयपुर |
पैग | जयपुर |
क्रिएटिव आर्टिस्ट ग्रुप | जयपुर |
तुलिका कलाकार परिषद | उदयपुर |
टखमण-28 | उदयपुर |
प्रमुख चित्रकार, उपनाम व उनका स्थान :-
चित्रकार | उपनाम | जिला |
कृपालसिंह शेखावत | ब्ल्यु पाॅटरी का जादूगर | सीकर |
भूरीसिंह शेखावत | गाँव का चितेरा | बीकानेर |
परमानंद चोयल | भैंसो का चितेरा | कोटा |
सौभाग्यमल गहलोत | नीड़ का चितेरा | जयपुर |
जगन्नाथ मथोड़िया | श्वानों का चितेरा | जयपुर |
गोवर्धनलाल बाबा | भीलों का चितेरा | राजसमंद |
कैलाशचंद्र शर्मा | जैन शैली का चितेरा | राजसमंद |
रवि वर्मा | भारतीय चित्रकला के पितामह | केरल |
देवकी नंदन शर्मा | Master of Nature & Living Objects | अलवर |
राजस्थान की कला एवं संस्कृति (राजस्थानी चित्रकला शैली) Part-1 Read Click here
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राजस्थान चित्रकला शैली के महत्वपुर्ण स्मरणीय तथ्य
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